-: इग्नाईट यूथ ग्रुप का उद्भव :-
स्वर्गीय पिता परमेश्वर,
इन जवानोके मनके अंदर
तूने एक ऐसा दीपक जलाया,
ताकि वो तेरे नामकी महिमा के लिए
ऐसी मीटिंगों का आयोजन करे
फिलिप्पियों
२ :१५ ताकि तुम
निर्दोष और भोले होकर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच “ परमेश्वर के निष्कलंक सन्तान ” बने रहो,जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिए हुए जगत में “ जलते दीपकों की नाईं ” दिखाई देते हो।
यिर्मयाह २०:९ यदि मैं कहूं, मैं उसकी चर्चा न करूंगा न उसके नाम से बोलूंगा, तो मेरे हृदय की ऐसी दशा होगी मानो मेरी हड्डियों में “धधकती हुई आग” हो, और मैं अपने को रोकते
रोकते थक गया पर मुझ से रहा नहीं जाता।
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