Thursday, 6 August 2020

आकाश और धरती के राजा की जय

आकाश और धरती के राजा की जय, जय जय पुकार (2)
सारी ज़मीन की सारी प्रजा, यीशु की जय, जय जय पुकार (2)
1. जीवन का रचनेवाला वही, भक्तों के दिल का उजाला वही
पापिन कारण जन्मा वही, सूली पर चढ़ने वाला वही
2. वही है मेरे जीवन का मान, मेरा उद्धार और मेरी चट्टान
हाथों में है उसके, कश्ती मेरी, आने दो, गर आता है तूफान
3. दुःख में और सुख में साथी रहा, राहों में जीवन के संग वह चला
उसकी रही हम पर कृपा बड़ी, जीवन मिला तो उसी से मिला

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